फ़िल्म का सार
सतीश एक गुंडा है और अपने आप को कैलाशनाथ का बताता है। कैलाशनाथ एक अमीर आदमी है उसने अपने बेटे को खो दिया था। विजय उससे मिलता है और अपने आप को उसका बेटा बताता है। सतीश के मन में खोट होता है। क्या कैलाशनाथ उससे बच पायेगा?
रिलीज़ दिनांक | 18 अप्रैल, 1969 |
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कलाकार | Dharmendra, Pran, Vyjayanthimala |
निर्देशक | Bhappi Sonie |
निर्माण मूल्य (बजट) | अनुपलब्ध |
भारत में कमाई | ₹1 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹2.1 करोड़ |
फ़िल्म शैली | Romance |
आख़री बदलाव - |
सतीश एक गुंडा है और अपने आप को कैलाशनाथ का बताता है। कैलाशनाथ एक अमीर आदमी है उसने अपने बेटे को खो दिया था। विजय उससे मिलता है और अपने आप को उसका बेटा बताता है। सतीश के मन में खोट होता है। क्या कैलाशनाथ उससे बच पायेगा?
पहला दिन | ₹0.02 करोड़ |
शनिवार | ₹0.01 करोड़ |
रविवार | ₹0.02 करोड़ |
पहला सप्ताहांत (वीकेंड) | ₹0.05 करोड़ |
पहला हफ़्ता | ₹0.10 करोड़ |
भारत में कमाई (बिना टैक्स) | ₹1 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹2.1 करोड़ |
मेहेंगाई को ध्यान में रखते हुए - BOTY के संशोधित कलेक्शन क्या है यह? | |
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संशोधित भारतीय कलेक्शन | ₹171 ( +170 ) करोड़ |
संशोधित दुनियाभर की कलेक्शन | ₹359.1 ( +357 ) करोड़ |