फ़िल्म का सार
यह शांता की कहानी है जो की बदकिस्मती से एक सेवानिवृत जज की बेटी भी है और बहु भी है। जज शांता को सुखी देखना चाहता है। शांता शंकर से मिलती है। शंकर एक कवि है। वह शांता के प्यार में पड़ जाता है। क्या शांता भी शंकर से प्यार करती है?
रिलीज़ दिनांक | 3 दिसम्बर, 1965 |
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कलाकार | Ashok Kumar, Joy Mukherjee, Mala Sinha |
निर्देशक | T. Prakash Rao |
निर्माण मूल्य (बजट) | अनुपलब्ध |
भारत में कमाई | ₹0.6 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹1.1 करोड़ |
फ़िल्म शैली | Drama, पारिवारिक |
आख़री बदलाव - |
यह शांता की कहानी है जो की बदकिस्मती से एक सेवानिवृत जज की बेटी भी है और बहु भी है। जज शांता को सुखी देखना चाहता है। शांता शंकर से मिलती है। शंकर एक कवि है। वह शांता के प्यार में पड़ जाता है। क्या शांता भी शंकर से प्यार करती है?
पहला दिन | ₹0.02 करोड़ |
शनिवार | ₹0.01 करोड़ |
रविवार | ₹0.01 करोड़ |
पहला सप्ताहांत (वीकेंड) | ₹0.04 करोड़ |
पहला हफ़्ता | ₹0.08 करोड़ |
भारत में कमाई (बिना टैक्स) | ₹0.6 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹1.1 करोड़ |
मेहेंगाई को ध्यान में रखते हुए - BOTY के संशोधित कलेक्शन क्या है यह? | |
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संशोधित भारतीय कलेक्शन | ₹124.2 ( +123.6 ) करोड़ |
संशोधित दुनियाभर की कलेक्शन | ₹227.7 ( +226.6 ) करोड़ |