फ़िल्म का सार
दिग्विजय सिंह स्कूल के मास्टर पर चोरी का आरोप लगाता है। मास्टर आत्महत्या कर लेता है। मास्टर का बेटा बड़ा हो कर पुलिस इंस्पेक्टर बनता है। दिग्विजय सिंह एक बड़ा आदमी बन चुका है। पुलिस इंस्पेक्टर दिग्विजय के खिलाफ सबूत ढूंढ रहा है।
रिलीज़ दिनांक | 14 अप्रैल, 1978 |
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कलाकार | Bindu, Sharmila Tagore, अमिताभ बच्चन |
निर्देशक | Deven Verma |
निर्माण मूल्य (बजट) | अनुपलब्ध |
भारत में कमाई | ₹1.3 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹2.7 करोड़ |
फ़िल्म शैली | Drama, ऐक्शन |
आख़री बदलाव - |
दिग्विजय सिंह स्कूल के मास्टर पर चोरी का आरोप लगाता है। मास्टर आत्महत्या कर लेता है। मास्टर का बेटा बड़ा हो कर पुलिस इंस्पेक्टर बनता है। दिग्विजय सिंह एक बड़ा आदमी बन चुका है। पुलिस इंस्पेक्टर दिग्विजय के खिलाफ सबूत ढूंढ रहा है।
पहला दिन | ₹0.04 करोड़ |
शनिवार | ₹0.03 करोड़ |
रविवार | ₹0.05 करोड़ |
पहला सप्ताहांत (वीकेंड) | ₹0.12 करोड़ |
पहला हफ़्ता | ₹0.21 करोड़ |
भारत में कमाई (बिना टैक्स) | ₹1.3 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹2.7 करोड़ |
मेहेंगाई को ध्यान में रखते हुए - BOTY के संशोधित कलेक्शन क्या है यह? | |
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संशोधित भारतीय कलेक्शन | ₹78.26 ( +76.96 ) करोड़ |
संशोधित दुनियाभर की कलेक्शन | ₹162.54 ( +159.84 ) करोड़ |