फ़िल्म का सार
तानसेन को भगवान् का बरदान था वे अपनी आवाज से किसी को भी आकर्षित कर लेते थे। उन्हें हंसा नाम की एक लड़की से प्यार हो जाता है। अकबर को तानसेन की गायकी का पता चलता है। अकबर तानसेन को अपने नवरत्नों में शामिल कर लेते हैं।
रिलीज़ दिनांक | 12 अक्टूबर, 1962 |
---|---|
कलाकार | Anita Guha, Bharat Bhushan, Mukri |
निर्देशक | S.N. Tripathi |
निर्माण मूल्य (बजट) | अनुपलब्ध |
भारत में कमाई | ₹0.7 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹1.3 करोड़ |
फ़िल्म शैली | Drama, पारिवारिक |
आख़री बदलाव - |
तानसेन को भगवान् का बरदान था वे अपनी आवाज से किसी को भी आकर्षित कर लेते थे। उन्हें हंसा नाम की एक लड़की से प्यार हो जाता है। अकबर को तानसेन की गायकी का पता चलता है। अकबर तानसेन को अपने नवरत्नों में शामिल कर लेते हैं।
पहला दिन | ₹0.01 करोड़ |
शनिवार | ₹0.01 करोड़ |
रविवार | ₹0.02 करोड़ |
पहला सप्ताहांत (वीकेंड) | ₹0.04 करोड़ |
भारत में कमाई (बिना टैक्स) | ₹0.7 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹1.3 करोड़ |
मेहेंगाई को ध्यान में रखते हुए - BOTY के संशोधित कलेक्शन क्या है यह? | |
---|---|
संशोधित भारतीय कलेक्शन | ₹193.2 ( +192.5 ) करोड़ |
संशोधित दुनियाभर की कलेक्शन | ₹358.8 ( +357.5 ) करोड़ |