फ़िल्म का सार
शेरखान एक बैंक में चोरी करता है और चोरी का इल्जाम साधुराम पर लगा देता है। शेरखान को कोई मार देता है और उसकी डेड बॉडी बजरंग की टैक्सी में से मिलती है। साधुराम और बजरंग दोनों पुलिस से भाग रहे हैं। असली आरोपी कौन है?
रिलीज़ दिनांक | 2 फ़रवरी, 1968 |
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कलाकार | Kishore Kumar |
निर्देशक | A. Bhimsingh |
निर्माण मूल्य (बजट) | अनुपलब्ध |
भारत में कमाई | ₹1 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹1.6 करोड़ |
फ़िल्म शैली | Comedy |
आख़री बदलाव - |
शेरखान एक बैंक में चोरी करता है और चोरी का इल्जाम साधुराम पर लगा देता है। शेरखान को कोई मार देता है और उसकी डेड बॉडी बजरंग की टैक्सी में से मिलती है। साधुराम और बजरंग दोनों पुलिस से भाग रहे हैं। असली आरोपी कौन है?
पहला दिन | ₹0.02 करोड़ |
शनिवार | ₹0.02 करोड़ |
रविवार | ₹0.02 करोड़ |
पहला सप्ताहांत (वीकेंड) | ₹0.06 करोड़ |
पहला हफ़्ता | ₹0.12 करोड़ |
भारत में कमाई (बिना टैक्स) | ₹1 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹1.6 करोड़ |
मेहेंगाई को ध्यान में रखते हुए - BOTY के संशोधित कलेक्शन क्या है यह? | |
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संशोधित भारतीय कलेक्शन | ₹189 ( +188 ) करोड़ |
संशोधित दुनियाभर की कलेक्शन | ₹302.4 ( +300.8 ) करोड़ |