फ़िल्म का सार
सिंबा सिंघम की कहानी को आगे बढ़ाता है । वह वहीं पैदा हुआ जहाँ सिंघम पैदा हुआ था, शिवगढ़ में। पर सिंबा सिंघम जैसा नहीं है। वो घूसख़ोरी में विश्वास रखता है और वेसी ही ज़िंदगी जीता है।पर उसकी ज़िंदगी में ऐसा क्या हुआ की वो अचानक से सही रास्ते पर चलने लग पड़ा?