फ़िल्म का सार
यह एक परिवार की कहानी है। कुछ गलतफहमियों के कारण परिवार का एक सदस्य अरेस्ट हो जाता है। इसके बाद परिवार के बाकी सदस्यों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उनके पास खर्चा करने के लिए पैसे भी नहीं है। बे सब अपना घर कैसे चलायेंगे?
रिलीज़ दिनांक | 7 जून, 1951 |
---|---|
कलाकार | Durga Khote, Nutan, Shyama |
निर्देशक | Zia Sarhadi |
निर्माण मूल्य (बजट) | अनुपलब्ध |
भारत में कमाई | ₹0.5 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹0.9 करोड़ |
फ़िल्म शैली | Drama |
आख़री बदलाव - |
यह एक परिवार की कहानी है। कुछ गलतफहमियों के कारण परिवार का एक सदस्य अरेस्ट हो जाता है। इसके बाद परिवार के बाकी सदस्यों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उनके पास खर्चा करने के लिए पैसे भी नहीं है। बे सब अपना घर कैसे चलायेंगे?
पहला दिन | ₹0.01 करोड़ |
शनिवार | ₹0.01 करोड़ |
रविवार | ₹0.01 करोड़ |
पहला सप्ताहांत (वीकेंड) | ₹0.03 करोड़ |
भारत में कमाई (बिना टैक्स) | ₹0.5 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹0.9 करोड़ |
मेहेंगाई को ध्यान में रखते हुए - BOTY के संशोधित कलेक्शन क्या है यह? | |
---|---|
संशोधित भारतीय कलेक्शन | ₹394.5 ( +394 ) करोड़ |
संशोधित दुनियाभर की कलेक्शन | ₹710.1 ( +709.2 ) करोड़ |