फ़िल्म का सार
उषा की शादी हो गई है। शादी के बाद उसकी ऑंखें खराव हो जाती हैं और वह अंधी हो जाती है। उसकी सास को अपने घर का चिराग चाहिए इसलिए वह अपने बेटे की दूसरी शादी करने जा रही है। क्या उषा को ये सब सहन करना पड़ेगा?
रिलीज़ दिनांक | 10 अक्टूबर, 1969 |
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कलाकार | |
निर्देशक | |
निर्माण मूल्य (बजट) | अनुपलब्ध |
भारत में कमाई | ₹1 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹1.8 करोड़ |
फ़िल्म शैली | |
आख़री बदलाव - |
उषा की शादी हो गई है। शादी के बाद उसकी ऑंखें खराव हो जाती हैं और वह अंधी हो जाती है। उसकी सास को अपने घर का चिराग चाहिए इसलिए वह अपने बेटे की दूसरी शादी करने जा रही है। क्या उषा को ये सब सहन करना पड़ेगा?
पहला दिन | ₹0.02 करोड़ |
शनिवार | ₹0.01 करोड़ |
रविवार | ₹0.02 करोड़ |
पहला सप्ताहांत (वीकेंड) | ₹0.05 करोड़ |
पहला हफ़्ता | ₹0.10 करोड़ |
भारत में कमाई (बिना टैक्स) | ₹1 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹1.8 करोड़ |
मेहेंगाई को ध्यान में रखते हुए - BOTY के संशोधित कलेक्शन क्या है यह? | |
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संशोधित भारतीय कलेक्शन | ₹171 ( +170 ) करोड़ |
संशोधित दुनियाभर की कलेक्शन | ₹307.8 ( +306 ) करोड़ |