फ़िल्म का सार
दो भाई बहन की माँ की मौत हो जाती है। दोनों एक मंदिर में शरण लेते हैं। वहां का पुजारी और एक नर्तकी उन्हें अपने साथ ले जाते हैं और उनकी परवरिश करते हैं।
रिलीज़ दिनांक | 1 जून, 1956 |
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कलाकार | |
निर्देशक | |
निर्माण मूल्य (बजट) | अनुपलब्ध |
भारत में कमाई | ₹0.5 करोड़ |
दुनियाभर की कमाई | ₹1 करोड़ |
फ़िल्म शैली | |
आख़री बदलाव - |
दो भाई बहन की माँ की मौत हो जाती है। दोनों एक मंदिर में शरण लेते हैं। वहां का पुजारी और एक नर्तकी उन्हें अपने साथ ले जाते हैं और उनकी परवरिश करते हैं।
मेहेंगाई को ध्यान में रखते हुए - BOTY के संशोधित कलेक्शन क्या है यह? | |
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संशोधित भारतीय कलेक्शन | ₹296.5 ( +296 ) करोड़ |
संशोधित दुनियाभर की कलेक्शन | ₹593 ( +592 ) करोड़ |