पिछले हफ्ते रिलीज़ हुई अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन साल की उनकी पहली रिलीज़ फिल्म है। पैडमैन फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा की तरह महिलाओं पर केंद्रित फिल्म है। फिल्म की कहानी एक आम इंसान और उसके परिवार पर है। जो कि पूर्वकाल से चली आ रही दकियानूसी प्रथायों को मान रहे हैं जिससे उनके स्वस्थ्य पर बुरा फर्क पड़ रहा है। फिल्म की कहानी में अक्षय कुमार का किरदार लक्ष्मी कान्त औरतों को उनके मंथली साइकिल के समय घरेलू कपड़ा इस्तेमाल करने की भजाये सेनेटरी नैपकिन यूज़ करने की सलाह देता है। लक्ष्मी कान्त इसकी शुरुआत अपने घर से करता है। आईये जाने इस फिल्म की कुछ कमियों और खूबियों के बारे में।
पैडमैन की कुछ कमियां
पैडमैन फिल्म हमारे समाज की वास्तविकता पर बनी फिल्म है लेकिन फिल्म कुछ जगह वास्तविकता को छोड़ कर फिल्म काल्पनिकता की और बढ़ रही थी। जैसे पैड बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला सेलुलोस फाइबर का विदेशी फर बहुत असानी से आर्डर कर के मिल जाता है और फिल्म में अक्षय कुमार पैड बनाने वाली मशीन को भी बहुत आसानी से बना लेते हैं जो कि देखने में थोड़ा अवास्तविक लग रहा था। फिल्म के क्लाइमेक्स के समय अक्षय कुमार को विदेश में एक इंग्लिश स्पीच देने के लिए स्टेज पर भेजा जाता है। अक्षय कुमार को फिल्म में इंग्लिश बहुत काम आती है लेकिन जैसे ही उनकी स्पीच आगे बढ़ती जाती है तो उनके इंग्लिश काफी हद तक इम्प्रूव हो जाती है।
महिलायों पर केंद्रित फिल्म
पैडमैन फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा की तर्ज पर बनी फिल्म है जिसने हर बर्ग के लोगों को एक सीख देने का काम किया है। साथ ही महिलाओं पर केंद्रित होने के कारण फिल्म हर बर्ग की महिला दर्शकों का खूब पसंद आएगी और फिल्म अतिरिक्त कमाई कर सकती है। फिल्म में हल्की फुल्की कॉमेडी के साथ साथ इमोशनल ड्रामा का संतुलित मिश्रण है जो कि फिल्म को हिट करवाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। पैडमैन की कमाई और अन्य बॉलीवुड खबरों के लिए बोटी पड़ें।
Summary
A Good Content Film to Watch