फिल्म पद्मावत को काफी विवादों के बाद फिल्म प्रमाण बोर्ड से 25 जनवरी को फिल्म रिलीज़ करने सर्टिफिकेट मिला। लेकिन फिल्म के बारे में अब तक चल रहे विवाद के कारण चार राज्य हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात और उतरप्रदेश के प्रशाशन ने फिल्म को दिखाने से मना कर दिया, इस मनमाने बैन के खिलाफ फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली ने कल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला 

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत दो और जज ऐ एम खानविलकर, डी बाई चंदरचूड़ की बेंच ने कहा कि फिल्म को सिनेमा एक्ट के तहत केंद्रीय फिल्म प्रमाण बोर्ड से रिलीज़ करने की इजाजत मिली है। फिल्म में किसी भी सीन को ऐसे नहीं फिल्माया है जिससे कि किसी औरत की गरिमा को ठेस पहुंचे। इसलिए फिल्म पर लगाए गये बैन को गलत बता कर सुप्रीम कोर्ट ने देश के बाकी राज्यों को भी ऐसा न करने की सलाह दी।

क्या थी विवाद की बजह 

फिल्म पद्मावत का विवाद सबसे पहले राजस्थान की करुणी सेना द्वारा किया गया, जिनका मानना था की फिल्म पद्मावती में  रानी पद्मावती के किरदार को भदे तरीके से फिल्माया गया है। सेंसर बोर्ड ने विवाद को शांत करने के लिए फिल्म का नाम पद्मावती से पद्मावत रख कर नई रिलीज़ डेट दी और आग में पानी डालने की सफल कोशिश की।

फिल्म में रणवीर सिंह, शाहिद कपूर और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म 25 जनवरी को देश भर में रिलीज़ होने वाली है। फिल्म के प्रचार और प्रमोशन में फिल्म के निर्माता और किरदार विवाद के चलते ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं। क्योंकि फिल्म पहले ही अपने विवाद के कारण काफी प्रसिद्ध हो चुकी है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *