आनंद और माया दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। पर माया का नटखट वयक्तित्व उसकी मौत का कारण बना। आनंद , माया की मौत का जिम्मेदार खुद को मानता था। इसी कारण उसकी मानसिक स्थिति ख़राब होने पर उसे पागलों के अस्पताल में रहना पड़ा। उसकी कहानी को जान कर डॉक्टर तन्वी ने उसका इलाज बड़ी सावधानी से करना चाहा ,ना की उससे दुर्व्यवहार कर के। समय बीतने के साथ तन्वी आनंद के साथ प्यार में पड़ गई। तन्वी के पिता जो कि हॉस्पिटल के मुख्य अधिकारी थे,मरीजों के प्रति प्यार की भावना नहीं रखते थे। कैसे तन्वी अपनी कहानी को आगे ले के गयी ? क्या उसके पिता जी उसकी खुशी को मान लेंगे या ये प्यार एक और मौत का कारण बनेगा?

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