सुलेखा को अपने भाई राधव की चतुराई पर बहुत गर्व है। सुलेखा का पति परिमल उसके भाई राधव पर से सुलेखा का भरोसा तोडना चाहता है। इसके लिए वह बहुत तरकीबें खोजता है। लेकिन सब बेकार जाती है। परिमल अपने दोस्त सुकुमार की मदद राधव को नीचा दिखाने के लिए लेता है।

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