एक गैर ज़िम्मेदार वकील अपने ही तरीकों से कोर्ट केस लड़ता है।वो मामूली केस लड़ कर अपना गुज़ारा करता है और ज्यादा पैसे कमाने की हर संभव कोशिश करता है। एक दिन उसको बड़ा केस लड़ने का मौका मिलता है और उसकी ज़िन्दगी में सब कुछ बदल जाता है। ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में उसकी एक नादान गलती की वजह से एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। ये हादसा उसको एक करूर वकील, माथुर के खिलाफ केस लड़ने के लिए कर्मनिष्ठा प्रदान करता है।

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