देवदास लंदन से पढ़ाई पूरी करके आया है। वह अपनी बचपन की दोस्त पारो से मिलता है। और उसके साथ प्यार में पड़ जाता है। उनके घर वाले उनकी शादी के खिलाफ हैं। इसी बीच पारो की शादी कहीं और हो जाती है। देवदास यह सब सहन नहीं कर पाया और मानसिक तनाव में शराब पीना शुरू कर देता है। वह चंदरमुखी को अपना दोस्त मानने लगा। चंदरमुखी उससे प्यार करने लगी थी। लेकिन देवदास अभी भी पारो से ही प्यार करता है।

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