ये एक बुजुर्ग माता पिता राज मल्होत्रा और उनकी पत्नी पूजा की कहानी है। उन्होंने अपने चार बच्चों को अच्छी परवरिश दे कर जिंदगी में अच्छे मुकाम पर पहुँचाया। लेकिन जब वृद्धावस्था में उनको अपने बच्चों की देखभाल की जरूरत थी तो कोई भी उनको सँभालने के लिए तैयार नहीं हुआ। उन दोनों को अपने बुढ़ापे में अजनबी लोगों के दया भाव में जीना पड़ा। क्या ये माता पिता अपने बच्चों को माफ़ कर पाएंगे ?