आज़ाद यूनियन लीडर सत्यप्रकाश का बेटा है। जो कि मिल के मजदूरों के हक़ के लिए लड़ता है। सत्यप्रकाश की मौत हो जाती है। पुलिस उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लेती है। आज़ाद जेल में ही पैदा होता है और बड़ा हो कर वह अपने पिता के कातिलों को ढूंढता है।

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