ईश्वर चंद और सुमित्रा की बच्चों के खिलौनों की कहानी है। उनका बेटा अक्षय बहुत गैरज़िम्मेदार है। उसको अपनी ज़िंदगी में क्या करना है अभी तक इस बात का एहसास नहीं है। अक्षय अपनी मंगेतर के साथ भाग के शादी कर लेता है और कुछ दिनों के बाद वापिस आ जाता है। अक्षय का पिता उन्हें स्वीकार नही करता और उसे कुछ काम करने के लिए बोलता है। अब क्या अक्षय अपने आप को साबित कर पायेगा?

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