जावेद एक पुलिस अफसर है और अपने चार बच्चों के साथ रहता है। जावेद और उसका साथी पुलिस अफसर अरुण वर्मा एक एनकाउंटर पर जाते हैं। जावेद वहां पर मर जाता है। अरुण पर जावेद के बच्चों की ज़िम्मेदारी आ जाती है। वह गीता चौधरी की मदद से चारों बच्चों की परवरिश करता है। एक दिन उसे पता चलता है कि जावेद की मौत किसी का प्लान था और गीता भी उससे कुछ छुपा रही है।

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