यह फिल्म धर्म के नाम पर हुई आपसी हिसा की कहनी को चित्रित करती है। साकेत की पत्नी ऐसे ही एक दंगे में मर जाती है। वह अपनी पत्नी की मौत का ज़िम्मेदार महात्मा गांधी को ठहराता है। बदले और हिंसा की भावना से त्रस्त साकेत उन्हें मारने का प्लान बनाता है। क्या वह अपने गलत इरादों में कामयाव हो पायेगा?

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