यह फिल्म पुनीत और मुनमुन के घर की कहानी है। दोनों अपने बेटे के साथ ख़ुशी से रहते हैं। वे अतिथियों को पसंद नहीं करते हैं। एक दिन उनके चाचा जी गाँव से उनके साथ रहने आते हैं। पुनीत और मुनमुन चाहते हैं कि चाचा जी जल्दी वापिस गाँव चले जाएँ लेकिन चाचा जाने का नाम नहीं ले रहे हैं। क्या पुनीत और मुनमुन अतिथि का सत्कार करना सीख पाएंगे?

if (false) : ?>